Lalbaugcha Raja 2025 - प्रथम दर्शन की दिव्य झलक
गणपति बप्पा की भव्य प्रतिमा, भक्तों की भीड़, मंत्रों की गूंज और दीपमालिका के साथ लालबागचा राजा का आगमन शुरू होता है।
स्वर्ण मुकुट, रत्नजड़ित आभूषण, बैंगनी धोती और चमकता सिंहासन — बप्पा का अलौकिक रूप भक्तों के मन को मोह लेता है।
सुबह से रात तक भक्तों की कतारें लगी रहती हैं। चरण स्पर्श और मुख दर्शन दोनों सुविधाएं उपलब्ध रहती हैं सभी श्रद्धालुओं को।
सुनहरी झूमर, रोशनी से जगमग मंच, और पौराणिक थीम पर बना मंडप हर आगंतुक के लिए अद्भुत आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है।
नवसाची लाइन में भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। लंबी प्रतीक्षा के बावजूद, हर कोई बप्पा से आशीर्वाद लेने पहुंचता है।
स्वर्ण मुकुट, रत्नजड़ित आभूषण, और चमकता सिंहासन — बप्पा का अलौकिक रूप भक्तों के मन को मोह लेता है।
नजदीकी रेलवे स्टेशन से पैदल मार्ग सुगम है। बस, टैक्सी और मेट्रो द्वारा भी लालबाग के मंडप तक पहुँचना सरल है।
हर धर्म के लोग मिलकर सजावट और तैयारी में भाग लेते हैं। यह पर्व केवल पूजा ही नहीं, बल्कि एकता और भाईचारे का संदेश देता है।
अनंत चतुर्दशी को बप्पा का भव्य विसर्जन जुलूस निकलता है। भक्त नाचते-गाते “गणपति बप्पा मोरया” का उद्घोष करते समुद्र तट तक पहुँचते हैं।
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