ब्रजधाम यात्रा Brajdham Yatra यानि के ब्रजभूमि की यात्रा, ब्रजभूमि ऐसी भूमि है जिसकी रज में लोट-पोट हो जाने को जी करे । ब्रजभूमि की वो रज जिसमे भगवान श्री कृष्ण भी लोट जाया करते थे, श्री कृष्ण का जन्म, उनके बचपन की कहानियां और अनगिनत लीलाओं से पूर्ण भूमि ही ब्रजभूमि है जो ब्रजधाम यात्रा के अंतर्गत आती है ।
ब्रज यात्रा में कौन-कौन से स्थान हैं? What are the places in Braj Yatra?
ब्रजयात्रा Brajdham Yatra के अंतर्गत ६ प्रमुख स्थान हैं जिनके आसपास से होकर ब्रजयात्रा होती है, जिसमे वो स्थान हैं जहाँ भगवन श्री कृष्ण का जन्म हुआ उसके बाद का उनका बचपन फिर उनकी लीलाओं और इनकी प्रिय श्री राधा रानी से मिले झूले स्थान ही ब्रज यात्रा के प्रमुख स्थान हैं ।
ब्रजयात्रा में आने वाले ब्रजधाम के धार्मिक स्थलों में सबसे पहले आता है मथुरा जहाँ भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था उसके बाद गोकुल, वृन्दावन, नंदगाँव, बरसाना तथा गोवर्धन । ये ब्रजयात्रा के वो प्रमुख स्थान हैं जिनके अन्दर ब्रजधाम Brajdham Yatra के सभी तीर्थस्थलों के मंदिर हैं ।
मथुरा : मथुरा शहर वो स्थान है जहाँ भगवान श्री कृष्ण ने जन्म लिया था और यहाँ पर श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर स्थित है जहाँ प्रतिदिन हजारों कृष्ण भक्त उनकी जन्मभूमि के दर्शन करने के लिए आते हैं, श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर ब्रजयात्रा का पहला स्थान हैं ।
गोकुल : गोकुल वो स्थान है जहाँ भगवान श्री कृष्ण के पिता वासुदेव, श्री कृष्ण को रजा कंस की जेल से निकाल कर आधी रात को यमुना नदी पर कर के गोकुल में माँ यशोदा और नंदबाबा के घर ले गये थे । भगवान कृष्ण के जन्म के बाद का बचपन गोकुल में ही बीता था और यहाँ पर श्री कृष्ण ११ वर्ष की आयु तक रहे थे ।
वृन्दावन : ब्रजयात्रा का सबसे ज्यादा भक्ति वाला स्थान वृन्दावन को माना जाता हैं यहाँ पर अनके प्रसिद्द मंदिर हैं और वृन्दावन में हजारो कृष्ण भक्त मिल जायेंगे जो उनकी भक्ति में लीन हुए रहते हैं । वृन्दावन के मंदिरों के दर्शन करने में ज्यादा समय लग सकता हैं क्यूंकि यहाँ पर सबसे ज्यादा धार्मिक स्थल हैं ।
नंदगाँव : नंदगाँव वो गाँव है जहाँ श्री कृष्ण ११ वर्ष की आयु के बाद गये थे, गोकुल में जब कंस का अत्याचार ज्यादा बढ़ने लगा था और वो बार बार श्री कृष्ण को मरने के प्रयास करते रहता था, उसी से बचने और श्री कृष्ण को सुरक्षित रखने के नंदबाबा उनको नंदगाँव लेकर आ गये थे जहाँ वो नंदीश्वर पहाड़ी पर बने महल में रहते थे ।
बरसाना : बरसाना राधारानी का जन्मस्थान हैं और ये नंदगाँव से ८ किमी की दुरी पर है, श्री कृष्ण यहाँ गैया चराने आया करते थे जहाँ वो राधा रानी से मिले । बरसना से श्री कृष्ण की अनके लीलाएं जूसी हुई है, बरसना में राधारानी का भव्य मंदिर बना हुआ है जिसे लाडली मंदिर के नाम से भी जाना जाता है ।
गोवर्धन : गोवर्धन बरसना से कुछ दुरी पर स्थित है और यहाँ पर गोवर्धन पर्वत है जिसे श्री कृष्ण ने ब्रजवासियों को राजा इंद्र के प्रकोप से बचाने के लिए अपनी ऊँगली पर उठा लिया था और सब को सुरक्षित रखा था । गोवर्धन पर्वत की परिक्रमा करना गोवर्धन का सबसे प्रसिद्ध हैं और यहाँ हरदिन लाखों भक्त परिक्रम करते है ।
ब्रजधाम यात्रा की योजना कैसे बनाएं? How to Plan Brajdham Yatra
ब्रजधाम की यात्रा पर निकालने से पहले आपको समय निकलना होगा, Brajdham Yatra ब्रज की यात्रा करने के लिए वैसे तो बहुत समय चाहिए लेकिन ब्रज के प्रमुख स्थानों के दर्शन करने के लिए कम से कम ४ दिन का समय तो अवश्य होना चाहिए । इन ४ दिनों में आप मथुरा, गोकुल, वृन्दावन, नंदगाँव, बरसाना अथवा गोवर्धन के प्रसिद्द मंदिरों के दर्शन कर पाओगे ।
पहला दिन : पहले दिन मथुरा में श्री कृष्ण जन्मभूमि के दर्शन करने से Brajdham Yatra शुरुआत कर सकते हैं, उसके बाद मथुरा के प्रमुख स्थान जैसे कि
पोतरा कुंड
भूतेश्वर महादेव मंदिर
द्वारकाधीश मंदिर (यह भी जाने )
विश्राम घाट
रंगेश्वर महादेव
बिरला मंदिर
गायत्री तपोभूमि
दूसरा दिन : दुसरे दिन गोकुल के प्रसिद्द एवं प्राचीन मंदिरों की तरफ निकल सकते हैं और गोकुल के सभी मंदिरों के दर्शन करके भगवान श्री कृष्ण के बचपन को महसूस कर सकते हैं, गोकुल के प्रसिद्द मंदिर अथवा दर्शनीय स्थल कुछ इस प्रकार है ।
यशोदा नन्द महल
कृष्ण बलराम मंदिर
रमणरेती
चौरासी खंम्बा
ब्रहमांड घाट
यमुना नदी
चिंताहरण महादेव मंदिर
तीसरा दिन : तीसरे दिन की Brajdham Yatra ब्रजयात्रा वृन्दावन की कीजियेगा क्यूंकि वृन्दावन में भक्ति भरा माहोल और राधा नाम की धुन आपको भक्ति से भर देगी और वृन्दावन में बहुत सारे मंदिर हैं तो समय से निकल जाएँ वृन्दावन की यात्रा पर, वृन्दावन की प्रमुख मंदिर इस प्रकार है ।
बांके बिहारी मंदिर (यह भी जाने )
राधा वल्लभ मंदिर (यह भी जाने )
निधिवन (यह भी जाने )
शाहजी मंदिर
राधारमण मंदिर
गोपेश्वर महादेव
केशी घाट
यमुना महारानी
मदन मोहन मंदिर
गोविन्द देव मंदिर
इस्कोन
प्रेम मंदिर (यह भी जाने )
वैष्णो देवी मंदिर
चंद्रोदय मंदिर
चौथा दिन : चौथे दिन की ब्रजयात्रा Brajdham Yatra पर नंदगाँव बरसना अवं गोवर्धन के लिए जा सकते है, बरसाना का राधारानी मंदिर, नंदगाँव का नांद महल अथवा गोवर्धन पर्वत की परिक्रम कर के गोवर्धन के सभी धार्मिक स्थलों के दर्शन कर सकते है । यहाँ के प्रसिद्द मंदिर इस प्रकार है ।
राधारानी मंदिर बरसाना (यह भी जाने )
कीर्ति मंदिर बरसाना
नन्द महल नंदगाँव
दानघाटी गोवर्धन
मानसी गंगा
पूंछरी का लोठा
राधाकुंड
कुसुम सरोवर
इस प्रकार से आप ब्रजधाम Brajdham Yatra की यात्रा सम्पूर्ण कर सकते और ब्रज यात्रा के दौरान अपने हिसाब से दिन और मंदिर का चुनाव कर सकते हैं, लेकिन ब्रज की करने में 4 दिन का समय तो अवश्य लगता है ।
ब्रजधाम की यात्रा करने कैसे और कब जायें
ब्रजधाम की यात्रा करने के लिए देश के किसी भी कोने से ब्रजधाम में पहुँच सकते है, ब्रजधाम Brajdham Yatra में पहुँचने के लिए रेल से यात्रा करने के लिए नजदीकी स्टेशन मथुरा जंक्शन स्टेशन है और हवाई यात्रा के लिए नजदीकी हवाई अड्डा आगरा अथवा दिल्ली हे जहाँ से आप टेक्सी या बस द्वारा मथुरा पहुँच सकते है ।
ब्रजधाम की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अक्टूबर से लेकर मार्च तक समय सही रहता क्यूंकि इस समय ब्रजधाम का मौसम ठंडा रहता है और ठन्डे मौसम में ब्रजभूमि में घुमने का अलग ही अनद रहता है ।
वैसे तो ब्रजधाम Brajdham Yatra में कभी भी जा सकते हैं यहाँ हर दिन हजारो श्रद्धालु ब्रजभूमि के दर्शन करने के लिए आते हैं और भगवान श्री कृष्ण की नगरी का भ्रमण करते हैं और उनका आशीर्वाद पाते हैं ।
~ About Author
Tejveer Singh
राधे-राधे, और मेरे ब्लॉग वेबसाइट पर आने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद, मेरा जन्म वृन्दावन के पास एक गाँव में हुआ था और मैं भी आपकी तरह राधारानी और श्री कृष्ण का भक्त हूँ। और मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूं कि उन्होंने मुझे इस पवित्र भूमि पर, मेरे ब्रजधाम की ब्रजभूमि में जन्म दिया, इस ब्लॉग के माध्यम से मैं आपको अपने ब्रजधाम की सुंदरता, यहां के मंदिर, भगवान श्री कृष्ण की लीलाओं और ब्रजभूमि में रहने वाले सभी संतों से अवगत कराऊंगा। आपका प्यार और समर्थन मेरे लिए बहुत मायने रखता है।